क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने Euro 2024 को लेकर भावनाएं साझा कीं
क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने Euro 2024 के दौरान रोने के उस क्षण के बारे में खुलकर बात की, और स्पष्ट किया कि यह सिर्फ निराशा या अहंकार का परिणाम नहीं था।
“जब मैंने पेनल्टी मिस की, तो मैं इसलिए नहीं रोया कि मैं दुखी था, बल्कि इसलिए कि अगर मैं गोल नहीं करता और पुर्तगाल बाहर हो जाता, तो पूरी दुनिया मेरे ऊपर गिर जाती,” उन्होंने कहा। “ये लोगों की वजह से नहीं था, बल्कि खुद पर डाली गई भारी उम्मीदों के कारण था।”
उन्होंने बताया कि 11 साल की उम्र से ही उन्होंने खुद पर उच्च मानक तय किए हैं, और यही सोच उन्हें शिखर तक ले गई।
मीडिया और लोगों की नज़रों पर रोनाल्डो की राय
उन्होंने कहा, “दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले खिलाड़ी होने के नाते, मुझे पता है कि लोग अच्छा नहीं, बुरा पढ़ना पसंद करते हैं। यही सच्चाई है।” उन्होंने स्वीकार किया कि आलोचना और निगेटिव मीडिया उनके जीवन का हिस्सा हैं।
हार के बाद कैसे खुद को संभाला
“फ्रांस से पेनल्टी में हारने के बाद मैं दो दिन तक परेशान था। लेकिन तीसरे दिन मैं जिम में वापस चला गया। क्योंकि ज़िंदगी चलती रहती है।”
उन्होंने वर्तमान में जीने के महत्व को दोहराया: “भविष्य अनिश्चित है। जो मायने रखता है वो है आज, और आज मैं क्या कर सकता हूं।”
Euro 2024 का मूल्यांकन
“मुझे लगता है यह टूर्नामेंट औसत था। अगर हम फ्रांस को हराते, तो सेमीफाइनल में स्पेन से भिड़ते और लोग हमारे प्रदर्शन को अलग तरह से देखते।”
उन्होंने कहा, “पुर्तगाल बेहतर कर सकता था, लेकिन यह अनुभव भविष्य के लिए सीख है।”
फुटबॉल से परे एक संदेश
यह इंटरव्यू सिर्फ एक मैच की कहानी नहीं है। यह असफलता को कैसे स्वीकार करें, आंतरिक दबाव को कैसे संभालें, और दुनिया की सोच के बावजूद खुद के प्रति सच्चे कैसे रहें — इसकी कहानी है।
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